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डाक जीवन बीमा

  • 1. १.पीएलआई क्या है?
    सरकार द्वारा किया गया एक अनुबंध जो किसी व्यक्ति की मृत्यु पर उसके द्वारा नामित व्यक्ति या स्वयं उस व्यक्ति को दी जाने वाली धनराशि का भुगतान, यदि वह उस अवधि तक जीवित रहता है।
  • 2. २.पीएलआई की शुरुआत कब हुई?
    एक योजना के रूप में पीएलआई ०१.०१.१८८४  से उपलब्ध है।
  • 3. ३.पीएलआई और अन्य बीमा में क्या अंतर है?
    पीएलआई केवल सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों के लिए है। इसके अलावा पीएलआई एकमात्र बीमाकर्ता है जो कम बीमा-किस्त में उच्च बोनस प्रदान करता है।
  • 4. ४.क्या पीएलआई की गारंटी है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा?
    पीएलआई की गारंटी भारत सरकार द्वारा दी जाती है।
  • 5. ५.क्या बच्चों के लिए ली जाने वाले बीमा के लिए कोई अंतिम सीमा निर्धारित है?
    एक व्यक्ति दो बच्चों का बीमा करा सकता है।
  • 6. ६.बीमाकर्ता के कार्यालय के पते पर पीएलआई बीमा बॉन्ड भेजने की क्या आवश्यकता है? इसे पॉलिसी धारक के निवास पर क्यों नहीं भेजा जा सकता है?
    पीएलआई बीमा उन लोगों को जारी किया जाता है जो सरकारी/ अर्ध-सरकारी क्षेत्र आदि के अधीन कार्यरत हैं। इसीलिए बीमा बांड बीमाधारक के कार्यालय के पते पर भेजा जाता है।
  • 7. ७.एक डाकघर से दूसरे डाकघर में बीमा कैसे हस्‍तांतरित किया जा सकता है?
    पीएलआई बीमा के हस्तांतरण की प्रणाली बहुत सरल है। पॉलिसी धारक उस डाकघर के माध्यम से मुख्य डाक महाप्रबंधक को आवेदन कर सकते हैं जहाँ पर उनका बीमा है या जिस डाकघर में वह बीमा-किस्त का भुगतान करना चाहता है। डाकघर में आवेदन स्वीकृत होगा और सीपीएमजी (पीएलआई) को भेज दिया जाएगा।
  • 8. ८.बिना किसी संकोच के आपकी योजनाओं में से किस प्रकार की पीएलआई बीमा चुनना अधिक लाभकारी है ?
    पीएलआई की सभी बीमा लाभकारी हैं। हर योजना में कुछ न कुछ विशेषताएँ होती हैं। ईए बीमा में, आपको निर्धारित वर्षों के बाद अपनी बचत के साथ बोनस भी मिलेगा।
  • 9. ९.पीएलआई बीमा प्राप्त करने के लिए कौन पात्र हैं?
    निम्नलिखित कर्मचारी पीएलआई बीमा के लिए पात्र हैं:
    केंद्र सरकार
    रक्षा सेवाएँ
    अर्धसैनिक बल
    राज्य सरकार
    स्थानीय निकाय
    सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान
    भारतीय रिजर्व बैंक
    सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
    वित्तीय संस्थाएँ
    राष्ट्रीयकृत बैंक
    स्वायत्त निकाय
    डाक विभाग में अतिरिक्त विभागीय प्रतिनिधि
    केंद्रीय / राज्य सरकार द्वारा अनुबंध के आधार पर संलग्न / नियुक्त किए गए कर्मचारी जहाँ अनुबंध विस्तार योग्य है।
    सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कर्मचारी
    सरकार द्वारा पंजीकृत सहकारी सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत क्रेडिट सहकारी समितियों और अन्य सहकारी समितियों तथा केंद्र / राज्य सरकार / आरबीआई/ एसबीआई/ राष्ट्रीयकृत बैंक/ नाबार्ड और अन्य ऐसे ही सरकार द्वारा अधिसूचित संस्थानों से आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से वित्त पोषित संस्थानों के कर्मचारी।
  • 10. १०.क्या भुगतान की कोई अन्य विधि है?
    बीमा-किस्त का भुगतान चेक के माध्यम से किया जा सकता है।
  • 11. ११.क्या वेतन में से बीमा-किस्त वसूला जाता है?
    हाँ, जिन कार्यालयों में यह सीधे पीएलआई को भेजा जाता है, वहाँ वेतन के माध्यम से बीमा-किस्त की वसूली संभव है। जहाँ ऐसा संभव नहीं है, वहाँ समूह के द्वारा एक व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है, जो बीमाकर्ताओं से बीमा-किस्त इकट्ठा करता है और पीआर किताब के साथ डाकघर में जमा करता है। हालाँकि, जहाँ वेतन के माध्यम से बीमा-किस्त की वसूली नहीं होती है, वहाँ बीमा-किस्त, जैसे- मासिक / अर्धवार्षिक / वार्षिक, किसी भी डाकघर में सुविधा के अनुसार जमा किए जा सकते हैं।
  • 12. १२.बच्चों की बीमा के लिए बीमा-किस्त अधिक क्यों है?
    क्‍योंकि बच्चों और माता-पिता दोनों के लिए जोखिम कवर किया जाता है।
  • 13. १४.क्या व्यपगत बीमा को कोई पुनः प्रचालित कर सकता है?
    यदि 3 साल से चल रहे बीमा में 6 महीने तक बीमा-किस्त का भुगतान नहीं किया जाता है (या) यदि बीमा 3 साल से अधिक पुराना है और 12 महीने तक भुगतान नहीं किया जाता है, तो बीमा अमान्य हो जाता है। इसे सक्रिय करने के लिए बीमा को दुबारा शुरू करना पड़ेगा। बीमा की पूरी अवधि के दौरान, दो से अधिक बार बीमा दुबारा शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। परिपक्वता से एक वर्ष पूर्व किसी भी समय बीमा को दुबारा शुरू किया जा सकता है।
  • 14. १५.यदि कोई व्‍यक्ति किसी महीने अपनी बीमा-किस्त देना भूल जाता है तो क्या होगा?
    बीमित राशि के प्रति सौ रुपये पर 1 / - रुपये का न्यूनतम जुर्माना भर कर कोई भी व्‍यक्ति अगले महीने बीमा-किस्त का भुगतान कर सकता है।
  • 15. १६.क्या पीएलआई में ऋण की सुविधा उपलब्ध है?
    ३ साल पूरे होने तथा 4 साल के बाद कभी भी जीवन भर ईए बीमा से ऋण लिया जा सकता है। एईए बीमा में ऋण सुविधा उपलब्ध है।
  • 16. १७.क्या आवास ऋण उपलब्ध है?
    नहीं
  • 17. १८.किन शर्तों पर ऋण लिया जा सकता है?
    ईए बीमा जारी करने की तारीख से ३ वर्ष बाद।
    डब्ल्यूएलए बीमा ४ साल के बाद।
    छमाही आधार पर गणना के अनुसार १०% प्रतिवर्ष ब्याज
    ऋण पात्रता की गणना इन समर्पण मूल्यों के पूर्वनिर्धारित अनुपात में की जाती है।
    ब्याज का भुगतान नियत महीने की २१ तारीख पर या उससे पूर्व किया जाना चाहिए (अर्थात् एक छमाही में एक बार)
  • 18. २०.किसी बीमा का समर्पण मूल्य क्या होता है?
    किसी बीमा का समर्पण मूल्य का अर्थ है, वह राशि जो किसी व्‍यक्ति को तब देय है, जब वह अपने बीमा के आकस्मिक लाभ को छोड़ देता है और किसी तत्काल नकद भुगतान के लिए बीमा का समर्पण करता है।
  • 19. २१.बीमा का समर्पण मूल्य क्या होगा?
    समर्पण मूल्य, समर्पण कारक और प्रकार तथा बीमा की अवधि पर निर्भर करती है।
  • 20. २२.यदि बीमा समय से पूर्व बंद कर दिया गया हो, तो क्या अर्जित बोनस के साथ पूरी धनराशि का भुगतान किया जा सकता है?
    अक्षयनिधि आश्वासन बीमा का समर्पण ३६ महीने के बाद किया जा सकता है।
    डब्ल्यूएलए बीमा का समर्पण ४८ महीने के बाद किया जा सकता है।
    बच्‍चों के बीमा का समर्पण ६० महीने के बाद किया जा सकता है।
    एईए बीमा के लिए कोई समर्पण नहीं।
    भुगतान किए गए मूल्य के समर्पण मूल्य की गणना के लिए 5 वर्ष के बाद के बोनस को ध्यान में रखा जाएगा। किंतु किसी भी बीमा को समय से पूर्व बंद करने से सदैव बीमाकर्ता को ही नुकसान होता है। इसलिए, बीमा का समर्पण न करने का सुझाव दिया जाता है।
    यह एक साधारण बचत योजना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य किसी जोखिम में बीमाकृत धनराशि देना भी है।
    यह स्वीकृति की तारीख से तत्काल बीमाकृत राशि प्रदान करता है।
    यदि प्रस्तावों की स्वीकृति के अगले दिन भी मृत्यु होती है, तो भी सभी प्रामाणिक मामलों में अर्जित बोनस के साथ पूर्ण बीमा राशि भी दी जाएगी।

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पिछला अपडेट:31 अक्तूबर 2023