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खुदरा सेवाएँ

प्रत्यक्ष डाक

  • 1. १.प्रत्यक्ष डाक क्या है?
    भारत में बढ़ती वाणिज्यिक गतिविधि के साथ, व्यावसायिक संगठनों द्वारा उनके उत्पादों और सेवाओं के प्रत्यक्ष विज्ञापन की आवश्यकता बढ़ रही है। प्रत्यक्ष पत्र, जिसे ऐसे परिभाषित किया जा सकता है कि, 'ऐसा मुद्रित लेख जिसे आमतौर पर बिक्री संदेश या घोषणा को सावधानीपूर्वक चयनित उपभोक्ता या व्यवसाय बाजार से प्रतिक्रिया प्राप्‍त करने के लिए बनाया जाता है' , यह प्रत्यक्ष विज्ञापन के लिए सबसे शक्तिशाली माध्यम है। विकसित देशों में, प्रत्यक्ष पत्र डाक प्रशासन द्वारा नियंत्रित पत्र यातायात का एक प्रमुख हिस्सा बन चुका है। प्रत्यक्ष पत्र पता युक्त एवं पता विहिन दोनों ही प्रकार से भेजा जा सकता है। प्रत्यक्ष डाक प्रत्यक्ष पत्र का पता विहिन घटक है, और इसमें बिना पते की डाक वस्‍तुएँ जैसे पत्र, कार्ड, विवरणिका, प्रश्नावली, पर्चे, नमूने, प्रचारक सामग्री जैसे सीडी / फ्लॉपी और कैसेट आदि, कूपन, पोस्टर, मेलर्स शामिल होंगे या मुद्रित संचार का कोई अन्य रूप जो भारतीय डाकघर अधिनियम 1898 या भारतीय डाकघर नियम 1933 द्वारा निषिद्ध नहीं है।
  • 2. २.क्या प्रत्यक्ष डाक का लाभ उठाने के लिए कोई अन्य शर्तें हैं?
    केवल बिना पते की डाक वस्‍तुएँ जैसे पत्र, कार्ड, विवरणिका, प्रश्नावली, पर्चे, नमूने, प्रचारक सामग्री जैसे सीडी / फ्लॉपी और कैसेट आदि, कूपन, पोस्टर, मेलर्स या मुद्रित संचार का कोई भी अन्य रूप जो भारतीय डाकघर अधिनियम 1898 या भारतीय डाकघर नियम 1933 के निषिद्ध नहीं है।
    प्रत्यक्ष डाक' के अंतर्गत न्यूनतम 1000 नग स्वीकार किए जाते हैं।
    "स्वीकार की जाने वाली वस्‍तुओं की लंबाई और चौड़ाई ए-3 आकार के कागज से अधिक नहीं होनी चाहिए।"
    प्रत्यक्ष डाक' के रूप में प्रेषित की जाने वाली वस्‍तुओं पर भेजते समय कोई नाम या पता नहीं होगा। ये नामित कार्यालयों में थोक में स्वीकार किए जाएँगे और पत्रपेटिका में प्रेषित नहीं किए जाएँगे।
    अन्य शहरों में वितरित की जाने वाली वस्‍तुओं के मामले में, प्रत्यक्ष डाक वस्‍तुएँ पिन कोड के अनुसार बंडलों में स्वीकार की जाएँगी।
  • 3. ४.प्रत्यक्ष डाक कब से शुरू किया गया है?
    प्रत्यक्ष डाक का लोकार्पण दिनांक 2 जून 2005 को ओएम नं. 39-01 / 2001-बीडीडी के अंतर्गत डाक विभाग द्वारा किया गया।
  • 4. ५.क्या प्रत्यक्ष डाक से वस्‍तुएँ भारत से बाहर भेजी जा सकती हैं?
    नहीं। प्रत्यक्ष डाक से वस्‍तुएँ केवल भारत में ही भेजी जा सकती हैं।
  • 5. ६.प्रत्यक्ष डाक का लाभ उठाने के लिए किससे संपर्क करें?
    प्रत्यक्ष डाक की स्वीकृति के लिए निर्दिष्ट डाकघरों में ही प्रत्यक्ष डाक वस्‍तुएँ स्वीकार की जाएँगी। डाक अनुमंडल इन कार्यालयों की पहचान करेगा, और उन्हें 'प्रत्यक्ष डाक केंद्र' के रूप में नामित करेगा। ये कार्यालय प्रत्यक्ष डाक केंद्र, सामूहिक डाक केंद्र, व्यावसायिेक डाक केंद्र, जीपीओ / एचपीओ या कोई अन्य उपयुक्त कार्यालय हो सकते हैं। इन कार्यालयों को प्रत्यक्ष डाक के उद्देश्य से 'प्रत्यक्ष डाक केंद्र' (DPCs) नामित किया जा सकता है। आमतौर पर, एक शहर में केवल एक प्रत्यक्ष डाक केंद्र ही नामित किया जाएगा।
    प्रत्यक्ष डाक के संभावित उपयोगकर्ता इस मामले में किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए अपने राज्य के मुख्य डाक महाप्रबंधक से संपर्क कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप में, किसी भी सहायता के लिए वे business@indiapost.gov.in पर भी संपर्क कर सकते हैं।
  • 6. ६.प्रत्यक्ष डाक के बारे में कोई अन्य प्रासंगिक तथ्य?
    प्रत्यक्ष डाक के प्रेषक संख्या और क्षेत्रों को निर्दिष्ट कर सकते हैं, जिसमें प्रेषक प्रत्यक्ष डाक की वस्‍तुओं को सुपुर्द करना चाहता हैं। हालाँकि, किसी विशेष पते या किसी व्यक्ति को वस्‍तुओं की सुपुर्दगी के लिए कोई वचनबद्धता नहीं है।
    प्रेषक को सूचित किया जाएगा कि उसके द्वारा सौंपी गई वस्‍तुएँ उसके निर्देशों के अनुसार सुपुर्द कर दी गईं।
    यदि प्रेषक वस्‍तुएँ मुद्रित करवाना चाहता है, या प्रेषण से पूर्व कोई अन्य गतिविधि चाहता है, तो व्यापार डाक के तहत इस प्रकार की सुविधा अलग से भुगतान करने पर प्रदान की जा सकती है। हालाँकि ये गतिविधियाँ प्रत्यक्ष डाक के साथ संयुक्त हो सकती हैं, किन्‍तु ये 'प्रत्यक्ष डाक' उत्पाद का हिस्सा नहीं होती हैं।
  • 7. ७.प्रत्यक्ष डाक के लिए प्रति वस्‍तु कीमत क्या है?
    प्रत्यक्ष डाक वस्‍तुओं की कीमत इस प्रकार है:

    प्रति वस्‍तु प्रथम २०​ ग्राम के लिए​
    प्रति वस्‍तु (प्रत्येक अतिरिक्त २० ग्राम या उसके भाग के लिए)
    स्थानीय​
    अंतर्नगरीय​
    १ प्रत्यक्ष डाक वस्‍तु की कीमत

    रूपया १.५०

    रूपया २​.००

    रूपया​ १.००

    स्थानीय और अंतर्नगरीय दोनों की वस्‍तुओं के लिए​
    जहाँ प्रत्यक्ष डाक वस्‍तुओं की मात्रा ५०,०००​ से अधिक हो, वहाँ प्रेषक को या संबंधित विज्ञापन एजेंसी को 5% की छूट या कमीशन दी जाएगी।

  • 8. ८.प्रत्यक्ष डाक का लाभ कौन उठा सकता है?
    कोई भी व्यक्ति या संस्था प्रत्यक्ष डाक का लाभ उठा सकता है। हालाँकि, कुछ संगठनों और उनके द्वारा प्रत्यक्ष डाक के लाभकारी उपयोग नीचे सारणीबद्ध किए गए हैं:
    प्रत्यक्ष डाक के संभावित उपभोक्ता

    क्रम संख्या​

    प्रत्यक्ष डाक उपभोक्ता समूह

    प्रत्यक्ष डाक उपभोक्ता समूह के लक्षित वर्ग प्रत्यक्ष डाक उपयोग करने का उद्देश्य

    १.

    विनिर्माण क्षेत्र कार्यालय उपकरण आपूर्तिकर्ता
    चयनित संस्थागत खरीदार

    नये उत्पाद
    व्यावसायिक​ जानकारियाँ
    प्रचार अभियान

    २.

    सेवाएँ

    दूरसंचार
    वित्तीय, बैंक, क्रेडिट कार्ड,
    बीमा
    पुस्तकें
    ​भोजन

     

    प्रत्येक क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप चयनित वर्ग 

     

    नये उत्पाद
    सेवा संबंधी अद्यतित जानकारियाँ

    प्रचार अभियान

    ३.

    कोचिंग संस्थान

    स्थानीय जन व्‍याप्ति 

    प्रचार अभियान

    ४.

    स्थानीय सेवाएँ

    स्थानीय - जन सेवाएँ

    प्रचार अभियान

    ५.

    उपभोक्ता सामग्री संगठन

    जन बाजार - क्षेत्रीय / राष्ट्रीय
    कूपन अभियान

    ६.

    सरकारी विभाग - जैसे स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पर्यावरण, राजस्व और कराधान विभाग आदि, नगरपालिकाएँ। 

    नागरिक
    संस्था
    क्षेत्रीय / राष्ट्रीय

    जागरूकता

     

    ७.

    सार्वजनिक उपयोगिता विभाग, जैसे बिजली, पानी की उपयोगिता। 
    उपयोग करने वाले उपभोक्‍ता 
    स्थानीय 

    जागरूकता
    जानकारी 

    ८.

    गैर सरकारी संगठन - विशेष रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य, सामाजिक जागरूकता आदि क्षेत्रों में।
    नागरिक
    स्थानीय / क्षेत्रीय

    जागरूकता
    सामुदायिक कार्रवाई

    ९.

    विभागीय भंडार

    नागरिक​

    स्थानीय

    पदोन्नति, सूचना

    १०.

    धार्मिक संस्थाएँ
    श्रद्धालु

    क्षेत्रीय / राष्ट्रीय

    पदोन्नति, सूचना​

    ११​.

    राजनीतिक दल

    नागरिक​
    स्थानीय / क्षेत्रीय / राष्ट्रीय
    सूचना, जन संपर्क, अभियान


  • 9. ९.क्या भारत में प्रत्यक्ष डाक और पता विहिन डाक का कोई आकलन उपलब्ध है?
    भारतीय डाक द्वारा स्वतंत्र अध्ययन किया गया था। अध्ययन के आधार पर यातायात प्रक्षेपण नीचे दिए गए हैं:
    भारत में प्रत्यक्ष डाक के लिए यातायात प्रक्षेपण (करोड़ों की संख्‍या में)  

    वर्ष​

    भारत में प्रत्यक्ष डाक बाज़ार

    कुल प्रत्यक्ष डाक
    पता विहिन पत्र

    २००५

    ४१​.०२

    २५.५०

    २००६

    ४९.२२

    ३०.६०

    २००७

    ५९.०६

    ३६.७०

    २००८

    ७०.८७

    ४​४.००

    २००​९

    ८५​.०४

    ५२​.८०​​


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पिछला अपडेट:31 अक्तूबर 2023